मुंबई की 'पिछले 5 दिनों की बारिश' ने कैसा मंजर बना दिया?

मुंबई की 'पिछले 5 दिनों की बारिश' ने कैसा मंजर बना दिया?

मुंबई में मानसून हर साल अपनी छाप छोड़ता है

extreme rainfall alert: मुंबई में मानसून हर साल अपनी छाप छोड़ता है, लेकिन इस बार पिछले पाँच दिनों में हुई लगातार बारिश ने शहर का हाल पूरी तरह बदल दिया है। जहाँ आमतौर पर बारिश से राहत और ठंडक महसूस होती है, वहीं इस बार पानी ने मुंबईकरों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं। सिर्फ पाँच दिनों में हुई बारिश ने सीज़न का औसत पूरा कर दिया है, जबकि मानसून खत्म होने में अभी लगभग 40 दिन बाकी हैं। ऐसे हालात में यह सवाल उठना लाज़मी है कि अगर आने वाले दिनों में बारिश जारी रही, तो मुंबई का क्या हाल होगा।

बारिश के आँकड़े और रिकॉर्ड

मुंबई में पाँच दिनों के भीतर इतनी बारिश हुई कि सीज़न का पूरा औसत छू लिया गया। आमतौर पर जून से सितंबर तक की पूरी बरसात को जोड़कर यह औसत बनता है, लेकिन इस बार सिर्फ अगस्त के इन दिनों में ही यह आंकड़ा पूरा हो गया। तेज़ और लगातार हुई बारिश ने साफ़ कर दिया कि यह मानसून बाकी महीनों की तुलना में कहीं ज़्यादा भारी पड़ रहा है। बारिश की इस रफ्तार ने न केवल मौसम विभाग को सतर्क कर दिया है बल्कि आम लोगों को भी चिंता में डाल दिया है।

जलजमाव और यातायात की समस्या

बारिश का सबसे बड़ा असर मुंबई की सड़कों और यातायात पर देखा गया। जगह-जगह पानी भर जाने से गाड़ियाँ फँस गईं, लोग घंटों तक ट्रैफिक में अटके रहे और कई इलाकों में तो सड़कें तालाब जैसी बन गईं। लोकल ट्रेन, जिसे मुंबई की लाइफ़लाइन कहा जाता है, उसकी रफ्तार भी थम गई। कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और कई जगह देर से चलाना पड़ा। मेट्रो और बस सेवाएँ भी प्रभावित हुईं। इस वजह से रोज़मर्रा का कामकाज करने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

आम जीवन पर असर

लगातार बारिश ने न सिर्फ़ सड़कों को डुबोया बल्कि आम लोगों की ज़िंदगी को भी अस्त-व्यस्त कर दिया। स्कूल-कॉलेज बंद करने पड़े, दफ्तरों में कामकाज ठप हो गया और कई इलाकों में लोगों को घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया। जिन लोगों के घर निचले इलाकों में हैं, वहाँ पानी घुस गया और सामान खराब हो गया। कई जगह बिजली कटौती भी करनी पड़ी ताकि हादसों से बचा जा सके। लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कत खाने-पीने की चीजें और जरूरी सामान खरीदने में हुई क्योंकि मार्केट तक पहुँचना ही आसान नहीं था।

हादसे और नुकसान

भारी बारिश की वजह से कई जगह पेड़ गिर गए, घरों की दीवारें गिरीं और नालों में पानी का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया। इन हादसों में कई लोगों की जान भी गई और कई लोग घायल हुए। नदी और समुद्र का जलस्तर बढ़ने से आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना पड़ा। यह हालात साफ दिखाते हैं कि भारी बारिश के सामने शहर की सुरक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर कितने असुरक्षित हो जाते हैं।

प्रशासन और बचाव कार्य

बारिश की इस तबाही से निपटने के लिए प्रशासन और बचाव दल लगातार काम कर रहे हैं। कई इलाकों में राहत टीमें भेजी गईं, नावों और पंपों की मदद से पानी निकाला गया। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिए नगरपालिका और पुलिस ने चौबीसों घंटे काम किया। हालांकि यह भी सच है कि इतनी भारी बारिश के बीच प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े हुए। मुंबई जैसे बड़े शहर में हर साल होने वाली इस परेशानी से बचने के लिए स्थायी समाधान तलाशना बेहद जरूरी है।